Tuesday 20 March 2012

मेरी ख्वाहिश ( Only for you )

काश कभी कुछ ऐसा हो जाये
सच मेरी एक ये ख्वाहिश हो जाये|
जिस पल रहूँ साथ तेरे मैं,
खुदा करे वो लम्हा वहीँ रुक जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

जी भर के देख लूँ तुझे कि,
मेरी इन आँखों की प्यास बुझ जाये|
लगा लूँ तुझे गले मैं इस तरह,
दरमियाँ हमारे हर दूरी ख़त्म हो जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

चाहता हूँ जिस चेहरे को देखना हर पल,
तेरे चेहरे की हर मुस्कान मेरी हो जाये|
रहना चाहूँ जिसकी छांव में मैं उम्र भर,
तेरे इन गेसुवों में मेरा बसेरा हो जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

ये शोख चेहरा, ये चंचल मुस्कान, ये आँखों का चलाना तेरा,
तेरी हर अदा की बिजली मुझ पर गिर जाये|
पिला दे अपनी नजरों की शराब कुछ इस तरह साकी,
जिंदगी की ये हसीं रात बस झूमते हुए कट जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

फीके लगते हैं जिसके आगे गीतों के हर बोल,
तेरे होंठो से निकले हर शब्द मेरे हो जाये|
कानों में घोलती हैं जो मधुर सा संगीत,
तेरे पैरों में पड़ी पायल की हर खनक मेरी हो जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

चलता जाऊं ज़िन्दगी की डगर पर बेख़ौफ़,
कुछ इस तरह तेरा मेरा साथ ये हो जाये|
मिलकर क़दमों से कदम और लेकर हाथों में हाथ तेरा,
सफ़र ज़िन्दगी का कुछ यूँ कट जाये||

काश कभी कुछ ऐसा हो जाये,
सच मेरी, बस एक ये ख्वाहिश हो जाये ……………………..