Sunday 31 December 2023

बदला कुछ नहीं

गुजरता यहाँ कुछ भी नहीं 

होता नया कुछ भी नहीं 

नज़रें मिली थी तुझसे बिछड़ते वक़्त 

मैं आज भी हूँ ठहरा वहीं !


चल तो दिये थे पहुँचे कहीं नहीं 

रास्ता लम्बा ये तुझ तक जाता नहीं 

मंज़िल की खोज मैं क्यों करता भला 

जब सफ़र में तू हमसफ़र नहीं !


उम्र बीती पर बीता कुछ नहीं 

आगे बढ़े पर बढ़ा कुछ भी नहीं 

२३ से २४ हुवा पर पूछों बदला क्या 

यादें धुँधली हुईं भूला कुछ नहीं!


©️®️बदला कुछ नहीं/अनुनाद/आनन्द/३१.१२.२०२३



Sunday 17 December 2023

मुस्कुरा दीजिए

यूँ भी क्यूँ इतना शर्म कीजिए,

इस ओर भी इक नज़र कीजिए …


परेशानी अपनी कुछ यूँ कम कीजिए,

कोई काम हो तो हमारा नाम लीजिए …


दिलों के सौदागर से एक सौदा कीजिए,

दिल की एक कहानी हमारे सुपुर्द कीजिए …


शोख़ इस चेहरे से क़िस्से हज़ार कीजिए,

बस इन क़िस्सों में नाम हमारा कीजिए …


स्याही ये लिखने की न यूँ जाया कीजिए,

सूखने से पहले कोई तो इशारा कीजिए …


मौक़ा निकाल कर लखनऊ घूम लीजिए,

कई पार्क हैं किसी में हमसे मिल लीजिए …


नवाबों के शहर में हैं बस इतना कीजिए,

देख कर हमारी ओर बस मुस्कुरा दीजिए …


©️®️मुस्कुरा दीजिए/अनुनाद/आनन्द/१७.१२.२०२३