Thursday 28 November 2019
Tuesday 12 November 2019
बस तू ही तू ...
ये रात, ये गुफ़्तगू, और ये दिलों की कसक,
तेरा नाम, तेरी बात और बस तू ही तू ।
ये हसरतें, ये आरज़ू, और ये सारी हक़ीक़त,
तेरी तस्वीर, तेरा अक़्स और बस तू ही तू।
ये चाँद, ये चाँदनी, और ये ठंडी बयार,
तेरा एहसास, तेरी ख़ुशबू और बस तू ही तू ।
ये जोड़, घटाना, गुणा, भाग और ये सारी गणित,
तेरा ही योग, तेरा ही शेष और बस तू ही तू ।
ये यादें, ये तनहाई, ये अकेले में रोना,
तेरे दिए घाव, तेरा दिया दर्द और बस तू ही तू।
ये मुस्कुराना, ये खिलखिलाना, ये तुझसे मुलाक़ातें,
मेरा कंधा, तेरी ख़ुशबू और बस तू ही तू।
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