Saturday 28 April 2012

झूठे चेहरे .........

मत कर विश्वास किसी पर,
ये फूलों की शक्लों में कांटें हैं |
इन भोली शक्लों पे न जाना,
सब मतलब के रिश्ते नाते हैं ||

हर राह पर धोखे हैं, बेईमानी है,
झूठी मुस्कान, प्यारी बातें, इनकी यही निशानी है |
मतलब के लिए ये साथ हमारे हँसते-रोते हैं,
लेकिन निज-हित के लिए ये अपनों को ही डसते हैं ||

कौन हुआ है यहाँ किसी का, मत रख तू उम्मीद किसी से,
एक दिल है अपने सीने में जो अपनी ही नहीं सुनता है |
ताक पर रख कर  नियम कायदे, ये गलतियाँ करता है,
भूल कर खुद को ये एक भोले चेहरे पर मरता है ||

गहरा सा सन्नाटा है मुझमे, घनघोर अँधेरा है,
सही गलत की पहचान ख़त्म, दिखता नहीं सवेरा है |
नहीं यहाँ पर कोई अपना किस पर मैं विश्वास करूँ?
एक चेहरे पर लाखों चेहरे और हर चेहरा ही झूठा है ||

मेरी तकदीर..........

इक चिढ सी है दिल में मेरे, शायद लोगों से! शायद तुमसे!
दिए की तरह रोज जलना रोज बुझना, शायद अब यही मेरी तकदीर है.....................

क्या करूँ, अपनी इस हालत का मै किसको दोष दूँ?
खुद से लड़ते रहना, शायद अब यही मेरी तकदीर है....................

इक आरजू है कि तुझे पा लूं , किन्तु ऐसा नहीं हो सकता!
अपने दिल को मनाते रहना, शायद अब यही मेरी तकदीर है.....................

चाहता हूँ हर पल तेरे साथ बिताना, अकेले में,
दुनिया को तुझसे दूर रखने की नाकाम कोशिशें करना, शायद अब यही मेरी तकदीर है..............

कोई नाम भी ले तेरा तो मुझमे आग सी लग जाती है,
अपने सब्र के इस बाँध को टूटने से बचाना, शायद अब यही मेरी तकदीर है..............

करता हूँ तुझसे मैं मोहब्बत बेपनाह, पर तुझको बता नहीं सकता,
मेरे दिल में उठते तूफ़ान को दुनिया से छुपा कर रखना, शायद अब यही मेरी तकदीर है..............

जो कुछ भी चल रहा है मेरे मन में, इन सब की तुझे अपने आप खबर लग जाये,
मेरी इस ख्वाहिश की पूरे होने की केवल राह देखना, शायद अब यही मेरी तकदीर है.................

एक दिन तुम आकर मेरी बाँहों में समा जाओगे, सब कुछ भूलकर!
ऐ दिल-ए-नादाँ तू देखता रह ख्वाब ऐसे, शायद अब यही तेरी तकदीर है..............

Monday 2 April 2012

Ye Tum Hi Ho Na......

Ye tum hi ho na………………

Dekhta hun khwab jiske,
Sote-jagte,
Uthte-baithte,
Waqt-bewaqt,
Khoya rahta hun jin kahyalon me,
Ye tum hi ho na……….

Meri chetna ne,
Meri kalpana ne,
Mere vicharon ke sagar me pade
Jis bejaan patthar ko,
Jinda  murat ka aakar diya hai,
Ye tum hi ho na…………..

Taja khile phulon ki khushbu,
Ghas par pade oas ki nami,
Pratah kaal suraj ki ye chamkili kiran
Aur ye thandi hawa mujhko,
Dilate hai jo ek madhur ehsaas,
Ye tum hi ho na…………………….

Dil ye mera bechain hai,
Kho gayi raton ki nind
Aur din ka sukoon hai,
Ek dard hai meetha sa,
Meri har ek pareshani ka sabab,
Ye tum hi ho na………………..

Lagakar meri bhavnaon ki menhdi,
Pahan kar mere shabdon ke jewar,
Lekar meri lekhni ka shringaar,
Taiyar hoti hai ek dulhan naveli,
Rakhta hun jisko pane ki chaah mai bharsak,
Ye tum hi ho na……………….