तेरा मेरा यूँ मिलना, बोलो ग़लत कैसे
ये संयोग भी ख़ुदा की मर्ज़ी से होता है
वरना अनुभव तो ये है कि दो लोगों के
लाख चाहने से भी मुलाक़ात नहीं होती ।
©️®️मिलना/अनुनाद/आनन्द/२२.०९.२०२२
तेरा मेरा यूँ मिलना, बोलो ग़लत कैसे
ये संयोग भी ख़ुदा की मर्ज़ी से होता है
वरना अनुभव तो ये है कि दो लोगों के
लाख चाहने से भी मुलाक़ात नहीं होती ।
©️®️मिलना/अनुनाद/आनन्द/२२.०९.२०२२
कुछ लोग
विनम्र होते हैं
इसलिए वे
सबके सामने
झुकते हैं …!
इसी विनम्रता
के कारण
वे पहुँचते हैं
ऊँचाई पर …!
फिर वे
केवल झुकते हैं
विनम्र नहीं
रहते …!
©️®️ विनम्र/अनुनाद/आनन्द/१९.०९.२०२२