Saturday 29 June 2024

वो दिन …

 वो भी क्या दिन थे….


तुम्हारे बिगाड़े हुए 

और 

तुम्हीं से बने हुए !


वो भी क्या दिन थे।


©️®️वो दिन/अनुनाद/आनन्द/२९.०६.२०२४


Monday 3 June 2024

बुराई

समय की धूप में कुछ यूँ तपा हूँ ,
यूँ मैंने ये रंगत सुनहरी पायी है ।
देखी जब भी कोई बुराई किसी में ,
मैंने स्वयं में उस बुराई से दूरी बनाई है।

©️®️बुराई/अनुनाद/आनन्द/०३.०६.२०२४