तुम पर पड़ी मेरी नज़र न जाने कैसी कि
दिल में इक हुयी जो हलचल अभी बाकी है ।
दिल में इक हुयी जो हलचल अभी बाकी है ।
तेरी उँगलियाँ मेरी उँगलियों से लिपटी ऐसे कि
मेरे हाथों को मिली वो कैद अभी बाकी है ।
तेरे आंखों की गहराई में डूबे ऐसे कि
मेरी आँखों में जगी वो चमक अभी बाकी है ।
मुझको गले से लगाया जो तूने ऐसे कि
मेरे बदन पे तेरी वो खुशबू अभी बाकी है ।
तेरी सांसों में हम उलझे इस कदर कि
मुझपे चढ़ा वो खुमार अभी बाकी है ।
तेरे होठों ने मेरे होठों को छुवा ऐसे कि
मेरे होठों पर वो मिठास अभी बाकी है ।
तेरा इस तरह स्पर्श करना मुझे कि
मेरे तन-मन में उठी वो लहर अभी बाकी है ।
इन जुल्फों की छाँव में बिताये कुछ पल कि
मेरी रूह को मिली वो ठण्ड अभी बाकी है ।
बीता वो पल और मुझ को छोड़ कर जाना तेरा कि
मेरे दिल में उठी वो तड़प अभी बाकी है ।
मेरे जीवन में बनकर ख़ुशी तुम आये ऐसे कि
बन रहीं वो नयी कहानी अभी बाकी है ................
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