Sunday 18 June 2017

हौसला .......

हे मन,
तू रख धीर
रह गंभीर
न हो विचलित
कदम न डगमगाएँ
हौंसले से
हो तत्पर
गतिमान रह
कर्मपथ पर।

बाधाएं आएंगी,
विवशताएं आएंगी,
कदम भी लड़खड़ाएंगे,
बातों के तीर से,
लेकर घायल हृदय,
हौसले से
कर मरहम
तू रुक मत
कर्म पथ पर।

ये दौर नही अपना,
ये लोग नही अपने,
आसां नही तेरी मंजिल,
ऊंचे तेरे सपने।
पूरे तुझे करने।
हौसला रख
ये खुदा तेरा
बढ़ता चला चल
कर्म पथ पर।

उम्मीद तुमसे,
आशाएं तुमसे,
तुझसे जुड़े लोगों,
की आंखों में चमक तुझसे।
सभी का आशीर्वाद तुमको।
हौसला रख
दुवाओं के आवरण में
खुद को रख सुरक्षित
कर्म पथ पर।

कटेगा अंधेरा,
रोशनी होगी,
चहुँ ओर उजाला होगा,
वो कांति तेरी होगी।
वो दौर तेरा होगा।
हौसला रख
बढ़ा लगन
तेरी अलग पहचान होगी
कर्म पथ पर!
कर्म पथ पर......................

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