Tuesday 12 November 2019

बस तू ही तू ...

ये रात, ये गुफ़्तगू, और ये दिलों की कसक,
तेरा नाम, तेरी बात और बस तू ही तू ।

ये हसरतें, ये आरज़ू, और ये सारी हक़ीक़त,
तेरी तस्वीर, तेरा अक़्स और बस तू ही तू।

ये चाँद, ये चाँदनी, और ये ठंडी बयार,
तेरा एहसास, तेरी ख़ुशबू और बस तू ही तू ।

ये जोड़, घटाना, गुणा, भाग और ये सारी गणित,
तेरा ही योग, तेरा ही शेष और बस तू ही तू ।

ये यादें, ये तनहाई, ये अकेले में रोना,
तेरे दिए घाव, तेरा दिया दर्द और बस तू ही तू।

ये मुस्कुराना, ये खिलखिलाना, ये तुझसे मुलाक़ातें,
मेरा कंधा, तेरी ख़ुशबू और बस तू ही तू।

2 comments:

  1. आप के लफ़्ज़ों से भर गया मेरा जिया
    लो आप के नाम पे यह शेर मैंने अर्ज़ किया,
    ओह मेरी तारीफ करने वाले मेरे दोस्तों,
    मैं आप लोगो का सच्चे मन से करता हूँ शुक्रिया !
    Very nice ❤️👌 आप ऐसे ही आकाश की बुलंदियों को छुए मेरी यही गुजारिश है मेरे रब से।

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