Sunday 28 July 2024

शुरुवात नई !

रात गई 

बात गई 

कल से फिर

शुरुवात नई।



इनने कही 

उनने कही

क्या फ़र्क़ जो 

सामने नहीं कही।


प्यार भी 

दोस्ती भी 

कुछ न मिला 

तो कहानी सही ।


दिया खूब 

मिला नहीं 

वो मुस्कुराये 

और क्या चाहिए।


कल भी 

आज भी 

ज़ेहन में 

अभी भी ।


तुम और तुम 

दुनिया और तुम

मैं और तुम 

शानदार तीसरी पंक्ति।


हक़ भी 

हद  भी  

मन भी 

डर भी ।


तब २०१२

अब २०२४

तब साथ 

अब याद ।


रात गई 

बात गई 

कल से फिर

शुरुवात नई।


©️®️शुरुवात नई /अनुनाद/आनन्द/२८.०७.२०२४