Monday 6 August 2012

एहसास

तेरे यादों की कसक ही तो है ये,
जो मुझे कुछ लिखने को मजबूर करती है|
मेरी कलम से निकले हर एक शब्द में,
मैं तुम्हे महसूस करता हूँ||

ये तेरा चेहरा ही तो है,
जिसकी याद  मुझे हर वक़्त आती है|
अपनी जिंदगी के हर एक पल में,
मैं तेरी कमी महसूस करता हूँ||

हर पल कई ख्याल बुनता हूँ मैं,
जिनमे मैं खोया रहता हूँ|
ये कैसा अंजाना सा एहसास है,
जिसे मैं महसूस करता हूँ||

Friday 8 June 2012

यादें...........

आगे बढ़ने की चाह में,
मंजिल की तलाश में,
हम बहुत आगे निकल आये,
सब कुछ पीछे छोड़ आये|
समय बदला,
लोग बदले,
बदलाव की इस आंधी ने मुझको भी न छोड़ा|
दुनिया की इस भीड़ में,
नित्य कुछ नया हो रहा है,
ज़िन्दगी व्यस्त है अपनी पहचान बनाने में,
स्वयं को भूलकर,
हम इस भीड़ में खो रहे हैं|
ज़िन्दगी की इस किताब में,
धूमिल होते यादों के कुछ पन्ने,
संभाल रहा हूँ जिन्हें मैं,
पूरे ज़तन से,
सजों रहा हूँ मैं इन्हें,
बचा रहा हूँ वक़्त के पतझड़ से,
क्यूंकि इनमे तुम हो,
तुम्हारे मेरे साथ बिताये हुए लम्हें हैं!
ये यादों के मोती,
कीमती हैं मेरे लिए,
इन मोतियों की चमक कभी,
फीकी नहीं पड़ेगी,
मेरे ज़हन में ये रौशनी सदैव,
यूँ ही बरक़रार रहेगी|
ये तेरी याद ही तो है,
जो आज भी पहले जैसी हैं,
और हमेशा वैसी ही रहेंगी|

Saturday 28 April 2012

झूठे चेहरे .........

मत कर विश्वास किसी पर,
ये फूलों की शक्लों में कांटें हैं |
इन भोली शक्लों पे न जाना,
सब मतलब के रिश्ते नाते हैं ||

हर राह पर धोखे हैं, बेईमानी है,
झूठी मुस्कान, प्यारी बातें, इनकी यही निशानी है |
मतलब के लिए ये साथ हमारे हँसते-रोते हैं,
लेकिन निज-हित के लिए ये अपनों को ही डसते हैं ||

कौन हुआ है यहाँ किसी का, मत रख तू उम्मीद किसी से,
एक दिल है अपने सीने में जो अपनी ही नहीं सुनता है |
ताक पर रख कर  नियम कायदे, ये गलतियाँ करता है,
भूल कर खुद को ये एक भोले चेहरे पर मरता है ||

गहरा सा सन्नाटा है मुझमे, घनघोर अँधेरा है,
सही गलत की पहचान ख़त्म, दिखता नहीं सवेरा है |
नहीं यहाँ पर कोई अपना किस पर मैं विश्वास करूँ?
एक चेहरे पर लाखों चेहरे और हर चेहरा ही झूठा है ||

मेरी तकदीर..........

इक चिढ सी है दिल में मेरे, शायद लोगों से! शायद तुमसे!
दिए की तरह रोज जलना रोज बुझना, शायद अब यही मेरी तकदीर है.....................

क्या करूँ, अपनी इस हालत का मै किसको दोष दूँ?
खुद से लड़ते रहना, शायद अब यही मेरी तकदीर है....................

इक आरजू है कि तुझे पा लूं , किन्तु ऐसा नहीं हो सकता!
अपने दिल को मनाते रहना, शायद अब यही मेरी तकदीर है.....................

चाहता हूँ हर पल तेरे साथ बिताना, अकेले में,
दुनिया को तुझसे दूर रखने की नाकाम कोशिशें करना, शायद अब यही मेरी तकदीर है..............

कोई नाम भी ले तेरा तो मुझमे आग सी लग जाती है,
अपने सब्र के इस बाँध को टूटने से बचाना, शायद अब यही मेरी तकदीर है..............

करता हूँ तुझसे मैं मोहब्बत बेपनाह, पर तुझको बता नहीं सकता,
मेरे दिल में उठते तूफ़ान को दुनिया से छुपा कर रखना, शायद अब यही मेरी तकदीर है..............

जो कुछ भी चल रहा है मेरे मन में, इन सब की तुझे अपने आप खबर लग जाये,
मेरी इस ख्वाहिश की पूरे होने की केवल राह देखना, शायद अब यही मेरी तकदीर है.................

एक दिन तुम आकर मेरी बाँहों में समा जाओगे, सब कुछ भूलकर!
ऐ दिल-ए-नादाँ तू देखता रह ख्वाब ऐसे, शायद अब यही तेरी तकदीर है..............

Monday 2 April 2012

Ye Tum Hi Ho Na......

Ye tum hi ho na………………

Dekhta hun khwab jiske,
Sote-jagte,
Uthte-baithte,
Waqt-bewaqt,
Khoya rahta hun jin kahyalon me,
Ye tum hi ho na……….

Meri chetna ne,
Meri kalpana ne,
Mere vicharon ke sagar me pade
Jis bejaan patthar ko,
Jinda  murat ka aakar diya hai,
Ye tum hi ho na…………..

Taja khile phulon ki khushbu,
Ghas par pade oas ki nami,
Pratah kaal suraj ki ye chamkili kiran
Aur ye thandi hawa mujhko,
Dilate hai jo ek madhur ehsaas,
Ye tum hi ho na…………………….

Dil ye mera bechain hai,
Kho gayi raton ki nind
Aur din ka sukoon hai,
Ek dard hai meetha sa,
Meri har ek pareshani ka sabab,
Ye tum hi ho na………………..

Lagakar meri bhavnaon ki menhdi,
Pahan kar mere shabdon ke jewar,
Lekar meri lekhni ka shringaar,
Taiyar hoti hai ek dulhan naveli,
Rakhta hun jisko pane ki chaah mai bharsak,
Ye tum hi ho na……………….

Tuesday 20 March 2012

मेरी ख्वाहिश ( Only for you )

काश कभी कुछ ऐसा हो जाये
सच मेरी एक ये ख्वाहिश हो जाये|
जिस पल रहूँ साथ तेरे मैं,
खुदा करे वो लम्हा वहीँ रुक जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

जी भर के देख लूँ तुझे कि,
मेरी इन आँखों की प्यास बुझ जाये|
लगा लूँ तुझे गले मैं इस तरह,
दरमियाँ हमारे हर दूरी ख़त्म हो जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

चाहता हूँ जिस चेहरे को देखना हर पल,
तेरे चेहरे की हर मुस्कान मेरी हो जाये|
रहना चाहूँ जिसकी छांव में मैं उम्र भर,
तेरे इन गेसुवों में मेरा बसेरा हो जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

ये शोख चेहरा, ये चंचल मुस्कान, ये आँखों का चलाना तेरा,
तेरी हर अदा की बिजली मुझ पर गिर जाये|
पिला दे अपनी नजरों की शराब कुछ इस तरह साकी,
जिंदगी की ये हसीं रात बस झूमते हुए कट जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

फीके लगते हैं जिसके आगे गीतों के हर बोल,
तेरे होंठो से निकले हर शब्द मेरे हो जाये|
कानों में घोलती हैं जो मधुर सा संगीत,
तेरे पैरों में पड़ी पायल की हर खनक मेरी हो जाये||
काश, कुछ ऐसा हो जाये……….

चलता जाऊं ज़िन्दगी की डगर पर बेख़ौफ़,
कुछ इस तरह तेरा मेरा साथ ये हो जाये|
मिलकर क़दमों से कदम और लेकर हाथों में हाथ तेरा,
सफ़र ज़िन्दगी का कुछ यूँ कट जाये||

काश कभी कुछ ऐसा हो जाये,
सच मेरी, बस एक ये ख्वाहिश हो जाये ……………………..



Saturday 11 February 2012

PROMISE

Ham bhi aapke hain kuch, ye haq mai jataunga|

Roj ladunga bhi, aur fir manaunga||

Chehre pe na aane dunga shikan, aapke har gam ko bhagaunga|

Gar kharab tumhara dimag hua, to do thappad bhi lagaunga||

Koi ho jarurat, pukarna, daudta hua aaunga|

Apne har acche bure me, sajhedaar tumhe banaunga||

Rahun duniya ke kisi bhi kone me, tumse sampark mai banaunga|

Kabhi na badloge mere liye, tumhara jara sa ye ehsaan chahunga||

Tum kewal mitra bane rahna, baki ye mitrata main nibhaunga|

Karta hun aj ye vaada, main ye vaada nibhaunga||

HAPPY PROMISE DAY………………… :-)