Its all about a part of me...... The real and unknown one : Anand Kanaujiya
दिल की बातें थी , ज़ुबाँ से कह न पाए आँखों ने की कहानी बयाँ पर वो समझ न पाए कशमकश में समय उड़ चला फिर न उनका कोई पता चला मुहब्बत की कचहरी में वो न हाज़िर हुए न उनका कोई संदेश आया लो उठ गयी कचहरी और फ़ैसला हो नहीं पाया ।
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