Friday 16 August 2019

बात वही...

दौर बदला, सोच बदली ,
आनन्द वही, बस परिस्थितियाँ बदलीं।

तासीर वही, मिज़ाज नए ,
कहानी वही, बस काग़ज़ नए।

भीड़ नयी, जगह नयी, 
लेकर चले, सभी दोस्त पुराने वही।

रास्ते नापे, मंज़िलें भी पायी,
आँखों में लेकिन, पुराने सपने वही।

इजाज़त हो, तो कह दूँ,
दिल में दबी, पुरानी बात वही।

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