तुम मुझसे मेरे होने का सुबूत माँगते हो
तुम वही हो ना जो भूतों में यक़ीन रखता है .....!
अच्छे हैं जो आँख से अंधे हैं
मुझे तो अक़्ल के अंधों पर तरस आता है .....!
ख़ैर छोड़ो तुमको सुबूत क्या देना
जो अपनों का ना हुवा हमारा क्या होगा .....!
बहुत मुमकिन है कि तुमको तुम्हारी औक़ात याद दिला दें
मगर छोड़ो, तुमको समय देकर इतनी भी इज्जत क्यूँ दी जाए.....!
आज सितारे गर्दिश में सही मगर रोशनी बाक़ी है अभी
तुमको जला कर ख़ाक करने को एक चिंगारी ही काफ़ी होगी.....!
वक्त है अभी सम्भाल जाओ ऐ ऊँची उड़ान वालों
लौट कर हर परिंदे को ज़मीन पर ही आना है .....!
Great thought nicely put in words. Amazing.!
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