Wednesday, 13 January 2021
अधूरी मुलाकात...
Thursday, 7 January 2021
बी एच यू (मेरी नज़र से )
Wednesday, 23 December 2020
टमाटर
साथ ...
Sunday, 20 December 2020
बागवानी
Saturday, 19 December 2020
अब दिल्ली दूर नहीं....
Wednesday, 16 December 2020
एक दिन....
एक दिन
निकल लेंगे
चुप-चाप
बिना बताये
कहाँ ?
नहीं पता !
होकर मुक्त
जिम्मेदारियों के चंगुल से !
नहीं बंधेंगे
दिन-रात के फेरे में
१० से ५ में
सब को खुश करने में
ये सोचने में कि
लोग क्या सोचेंगे !
समय की पराधीनता से मुक्त
तोड़कर हर सीमाओं को।
ख्वाहिश नहीं शेष
कुछ पाने की
ख्वाहिश केवल
जीने की
खुद को !
भले-बुरे से ऊपर
गलत-सही से हटकर
एक बेबाक जिंदगी
होकर निडर
सिर्फ सफर
न कोई मंज़िल !
न कोई ठहराव !
न कोई पहचान !
ख़त्म हर लालसा ।
जीना है सिर्फ
जिन्दगी को !
देखना है इसे
बेहद करीब से
रंगना है
इसके रंग में !
बह जाना है
इसके बहाव में !
बिना विरोध
इसका हर निर्णय
होगा आत्मसात।
कोई चिंता नहीं
भविष्य की,
जीना सिर्फ
आज में,
कोशिश
पेट भरने की,
खोज बस
आश्रय की,
इंतज़ार केवल
नींद का,
भरोसे प्रभु के
स्मरण प्रभु का
समर्पण प्रभु को
कुछ और नहीं।
होकर तटस्थ
देना है मौका
पानी को शान्त होने का
तभी तो दिखेगा
गहराई के अंत में
वो आखिरी तल.........
एक दिन
निकल लेंगे बस
उस आखिरी दिन से पहले !
एक दिन ......... !
अनुनाद/आनन्द कनौजिया/ १६.१२.२०२०