मेरे नैन काश
होते तुम एक चिड़िया
खुले आकाश में
करते भ्रमण
कहीं आते जाते
न होती कोई रोक-टोक
जब भी होती इच्छा
उड़ लेते उनके शहर की ओर ।
मिला मुझे एक वरदान
उड़ सकते हैं ये नैन
देखो ये दिल
ज़ोर से है धड़का
ज़ोर से चली हवा
शायद कोई गुज़रा
महकी मेरी साँसे
ये तो थी उनकी
यादों की आहट
लो पाने को एक झलक
जाना है उनके शहर
और चिड़िया उड़ गयी।
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