Saturday 29 February 2020

तुमसे प्रेम....कुछ यूँ भी!

लोग प्रेम के न जाने क्या क्या रूप लिखते हैं,
मैं तो तेरा नाम लिखता हूँ।

मैं खुश, बेहद खुश रहता हूँ क्यूँकि 
साथ तेरे बिताए लम्हें मैं अपने संग लेकर चलता हूँ।

कुछ इस तरह हमने तुमको हमसफर बना लिया है,
ख्वाबों के सफर पर मैं हमेशा तेरे साथ चलता हूँ।

बातें बड़ी नही करता क्योंकि मैं झूठ नही बोलता
मैं तुझ पर दावा कि तुम मेरे हो, कभी किसी से नही करता हूँ।

जो पल दिए तूने वो आज भी क़ैद हैं दिल के तहख़ाने में,
रिहा नही करता इन्हें, मैं तेरे साथ का लालच आज भी रखता हूँ।

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