Tuesday 4 February 2020

ज्ञान !

ज्ञान बहुत है सबके पास तुम्हें अब बहुत मिलेगा, तू लेता रह,
बुरे वक़्त में ऊँट पर बैठे बौने को भी लंगड़ी कुतिया काट लेती है ।

सब्र रख और मुस्कुराकर लोगों के हाव भाव देख, ये नयी बात नही, 
जिन्हें कभी बोलना तुमने सिखाया था, उनकी भी बात सुननी पड़ती है।

तूफ़ान है अभी दरिया में बहुत तेज, थम जा ज़रा,
मौसम साथ न दे तो नाव क़रीने से पार करनी पड़ती है।

दिन को सूरज यूँ ही नसीब नही होता, तुमको पता होगा,
उसे भी ये काली अंधेरी रात पूरी इंतज़ार में बितानी पड़ती है ।

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