Wednesday 30 September 2020

आधी रात और चाँद

आज फिर आ गई तेरी याद......
और हमने निहार लिया चाँद....!

जिस तरह कैद है तेरी अदाएँ मेरी इन आँखों में,
हमने उसी तरह कैद कर लिया चाँद को कैमरे में।

कुछ पल तेरे साथ होने का एहसास पा लिया,
संग चाँद के हमने एक लम्हा अकेले गुजार लिया।

आधी रात है और मेरे साथ ऐसे तुम्हारी याद है,
डालियों की झुरमुट से जैसे निहारता ये चाँद है।

देखो ये चाँद इतनी दूर होकर भी लगता कितना पास है,
और तू दिल के इतनी करीब होकर भी रहती कितनी दूर है।

क्या ही करें और क्या ही कहें तुम्हारी इस बेवक़्त याद से,
चलो कर लेते हैं कुछ शिकायतें आधी रात को इस चाँद से।

©️अनुनाद/आनन्द कनौजिया/३०.०९.२०२०

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