Thursday, 3 September 2020

चाँद

आज बहुत दिनों बाद चाँद को यूँ आसमान में बालकनी से देखा। पूरा चाँद। चमकीला चाँद।अद्भुत। आकर्षक। बिल्कुल तुम्हारे चेहरे की तरह! लाखों-करोडों में एक। इस चाँद पर तो नज़र ही नहीं टिक रही..........! बिल्कुल वैसे ही जैसे तुम्हारे चेहरे पर मेरी नज़र नहीं टिकती। इतना ख़ूबसूररत और सुर्ख चेहरा कि हज़ार कोशिशों के बाद मैं तुम्हें नहीं देख पाया। फोकस ही नहीं कर पाया। कभी मैं शर्म से पानी -२ हो गया तो कभी तुम खिलखिला दिए। कभी कुछ शरारती ख्यालों ने आंखों को झुकने पर मजबूर कर दिया। तुम्हारे चेहरे और इस चाँद में यही समानता है कि मैं दोनों को ढंग से नहीं देख पाया। चाँद दूर रहता है तो स्पष्ट नहीं दिखता और तुम करीब होते हो तो खुद को संभालना मुश्किल। 😇

कोई मुझसे तुम्हारा चेहरा पूँछ ले तो मेरे लिए बताना मुश्किल। जब भी तुम्हारे चेहरे को याद करने की कोशिश की तो एक रोशनी सी आँखों में कौंध गयी और कुछ पल को अँधेरा सा छा गया। तुमको तो बस तुम्हारी तस्वीरों में ही देख पाया, सामने से देख पाना मेरे लिए मुमकिन नहीं। इसे सौभाग्य समझूँ कि तुम दिल के इतने करीब हो और दुर्भाग्य कि तुम्हारे सजीव चेहरे को देखना सम्भव नहीं। खैर......! जब भी सामने या ख्यालों में होते हो वो पल आनन्दित करने वाला होता है। एक खास एहसास, जिसे शब्दों में बयाँ नहीं कर सकता। अगर तुम मेरा हाथ पकड़ लो तो हो सकता है कि मेरे शरीर का स्पन्दन तुम्हें कुछ समझा सके!💞

खैर, आज की रात फिर तुम मेरे करीब हो। मेरे मन में हो। मेरा बालकनी में जाना और अचानक चाँद पर नज़र पड़ना, मुझे तेरी याद दिला गया और मेरा दिन सफल हो गया। तेरे साथ के एहसास से गुदगुदाते हुए आज की ये रात बहुत ही खूबसूरत होने वाली है! काश....... ये चाँद आज तुम्हारी नज़र में भी आ जाए और तुम्हें मेरी स्थिति का एहसास दिल जाए! इस तरह हम दोनों एक साथ एक ही मनःस्थिति में एक दूसरे को करीब महसूस करते हुए एक-दूजे के ख्यालों में खो जाए...... 💗

कुछ तो खास है आज की रात में! इस चाँद में! इतना सजीव एहसास कि जैसे तुम्हारे साथ ही हूँ........... कुछ माँग ही लेता हूँ! हो सकता है कि इस खास रात में दिल की ख्वाहिश पूरी हो जाए........ काश......💓💖!

~अनुनाद/आनन्द कनौजिया/०२.०९.२०२०

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