तो बस,
चले जाना…..
बिना बताए
अचानक
खामोशी से
ऐसा कि
भनक भी न मिले।
दुःख तो होगा
तुम्हारे जाने का
मगर
वो जाने के बाद होगा
और कम होगा
उस दुःख से
जब मुझे
तुम्हारे जाने का
पहले से
पता होगा!
क्यूँकि
पहले से
पता होने पर
दुःख ज़रा पहले
से शुरू होगा
और
इस तरह
दुःख की अवधि
कुछ बढ़ जाएगी।
©️®️चले जाना/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/२२.०१.२०२२
सृष्टि की भावनात्मक त्रासदियों में सबसे भयावह यह रही कि जब लोग अकारण, असमय, बिना किसी पूर्व सूचना के किसी को छोड़कर चले गए!
ReplyDelete#काव्याक्षरा