अमां ऐसी भी कोई बात होती है,
भला ऐसी भी कोई रात होती है….!
मुझे सोते से जगाया गया कि देखो जरा
मैंने कहा इतने शोर में भी कोई बात होती है….!
कल रात हमने देखा ऐसा मंज़र
ऐसी भी भयानक बरसात होती है….!
किसी हृदय की प्रबल वेदना होगी
वरना कहाँ अब ऐसी बरसात होती है….!
यूँ चमकती बिजली का गरजते जाना
डरते दिल ने कहा हर रात की सुबह होती है….!
फूट-फूट कर भर दम रोना-दहाड़ना
ये टूटे दिल की आम बात होती है….!
ये बेचैनी में रात-२ भर करवटें बदलना
ये नये आशिक़ों की पुरानी बात होती है….!
दिल में जहर दबाने से कहीं अच्छा
फट पड़ना भी राहत की बात होती है….!
जिसने जगाया मुझे उसे सोने को कह दिया
ऐसी रात में सोते रहने की अलग बात होती है….!
कल मैं और प्रकृति दोनो अनुनादित थे,
दिल की बात का इजहार जरूरी बात होती है....!
©️®️ लखनऊ की बारिश/अनुनाद/आनन्द/११.०९.२०२३
No comments:
Post a Comment