Tuesday, 5 May 2020

बारिश और तुम...

ये बारिश तुम सी बरसती है!
कभी भी....
मैं निहारता रहता इसको लगातार,
जैसे भीगे बालों में सामने तुम हो!

ये बारिश शोर करती है!
बहुत ज्यादा ....
मैं खामोश सुनता रहता इसको ध्यान से,
जैसे गुस्से में आंख मूँदकर हाथ पैर झटकती तुम हो!

तुम्हारे साथ का एहसास सा होता!
ठहरना....
जरा देर तक बरसना,
अच्छा लग रहा है....
बहुत ही अच्छा लग रहा है।


Monday, 4 May 2020

शहीदों के नाम ...

आँखे नम है मगर जिगर में आग बरक़रार है,
दिखाने को दहाड़ बस मौक़े की दरकार है,
मौत का डर नही, हाँ हम माँ भारती के लाल हैं,
शहादत चुनी हमने हमें अपने वतन से प्यार है ।

देश के आगे हम कुछ नही समर्पित इस पर प्राण हैं,
ऐ आसमान तू देख तुझसे ऊँची आज हमारी शान है,
जिस माँ ने जन्म दिया हम आज उसी गोद में लेटे हैं, 
हैं आँखें बंद हमारी मगर चेहरे पर हमारी मुस्कान है।

दूर कहीं गए नहीं हम मौजूद अब हर फ़ौजी के दिल में हैं,
पैदा होंगे हज़ारों वीर आज हमने वीरता का बीज बोया है,
बहा कर खून अपना रंगा है आज धरती माँ के आँचल को,
रहे ख़ुशहाल ये देश सदा इसीलिए हमने प्राणों को खोया है।

Friday, 1 May 2020

किसान ...

जब आई कोरोना महामारी तो हमें याद आया,
जीने को जरूरी है केवल भोजन ये याद आया,
बन्द घरों में बैठकर धन्यवाद देने को थाली बजाया,
दिया जलाते समय मगर हमको किसान न याद आया।

अधनंगा बदन, सिकुड़ी खाल में ये इंसान कौन?
किसानों की इस हालत का जिम्मेदार कौन?
अन्न देने वाले किसान के घर में नही है तेल-नोन,
कर्ज में फाँसी लगाने पर हम-तुम क्यों रहते मौन?

डॉक्टर-इंजीनियर, पुलिस-वकील न जाने क्या-क्या,
सब कुछ बनाओगे बच्चों को मगर किसान नही बनाओगे,
इन सबकी भी जरूरत है प्रगति के लिए देश को,
मगर जिन्दा रहने को जरूरी भोजन कहाँ से लाओगे?

विश्व गुरु बनने को तुम धन उगाने के तरीके खूब पैदा करो मगर,
सुनो बदलते इस दौर में हमें अब पुनः बेसिक पर लौटना होगा,
हे भारत माता तूने इस धरती से कितने ही वीरों को जाया होगा,
मगर जीवित रहने को अब, घर-घर में किसान पैदा करना होगा।

आज नहीं तो कल वैक्सीन भी बनेगी,
ज़िन्दगी पुनः तेज रफ्तार में भी दौड़ेगी,
आधुनिकता में मत भूलना मिली जो सीख कि,
उन्नति की सड़क तो उन्नत किसान से ही बनेगी।

Thursday, 30 April 2020

कैदी (इरफ़ान ख़ान को समर्पित)

मैं एक कैदी 
इस शरीर में,
लोग कहते
कैद ही रहूँ...
तो बेहतर!
आजाद न होने की,
मांगते सभी दुवाएँ...
कैद हो लंबी,
देते रहते दाना-पानी,
शरीर रूपी जेल की
करते रंग रोगन,
लेकिन कब तक?
कैद किसे पसन्द?
होना तो है,
एक दिन आज़ाद...
वो दिन 
जश्न का होगा!
मेरे लिए, 
आज़ाद होना,
कैद से।
नही रहूँगा तब,
मैं,
कैदी।

Wednesday, 29 April 2020

सरकारी कर्मचारी...

वैज्ञानिक परेशान हो गए मगर देखो 
बिना तेल के गाड़ी वो चला न पाए।
हमने भी दिया सुझाव अपने दोनो हाथ उठाय,
आओ तुमको अपनी सरकर से मिलवाया जाय।

उदाहरण साक्षात तुम्हारे मौजूद है,
तुम कहाँ घूम रहे हो सर खुजलाए।
बिना अतिरिक्त वेतन के इस सरकार ने,
सरकारी कर्मचारियों से कितने काम कराए।

न ही धन्धा कोई और न ही हम बड़े व्यापारी हैं, 
महीने की तनख़्वाह पर जीते हम सरकारी कर्मचारी हैं।
किस्तें भरते, फ़ीस भरते, थोड़ी-थोड़ी बचत भी करते,
सालों का हमने बचाया नही हम तो बस महीनों में जीते।

डीए काटा, भत्ते काटे,और न जाने क्या-२ कटेगा,
तनख़्वाह भी बढ़ेगी या केवल चूतिया ही कटेगा।
थोड़ी क्यूँ पूरी ही काट ली जाए, सैलरी हमें दी ही क्यूँ जाए,
आओ छोड़ कर गृहस्थ आश्रम हम सब वनवासी हो जाएँ ।

क़सम से उफ़्फ़ नही करेंगे अगर,
एक छोटी सी अर्ज़ सुन ली जाए ।
जहाँ सबके क़र्ज़ अरबों में माफ़ हो रहे 
वहीं एक लोन हमारा भी माफ़ हो जाए।

Sunday, 26 April 2020

मुस्कान 😊

हाँ ! तुम भी तो बिल्कुल यूँ ही मुस्कुराती हो...
जैसे इन पत्तों पर बारिश की बूँदे।
तुम हमेशा पूछते हो न कि
मैने तुममे ऐसा क्या देखा?
और मैं कहता हूं कि तुम्हारी मुस्कान!
कैसी है मेरी मुस्कान?
तो तुम भी तो देखो न
इन पत्तों पर बारिश की बूँदे....
देखो न !

#nilima

Thursday, 23 April 2020

कीमत नाम की!

इतिहास मजबूत होना चाहिए, चाहे आपके आज का भूगोल कैसा भी हो ।
पीछे की बुराइयों को बदलो मगर, अपने अग्रजों का गौरव बखान जारी रखें ।। 

तुम आज आये हो दुनिया में, अभी समय लगेगा अपना कद बनाने में ।
पुरखों के नाम से ही है पहचान तेरी, उनके नाम का सम्मान बनाये रखें ।।

नाम की शक्ति से होते हैं सारे काम, बाहुबल तो बस दिखाने को होता है ।
सर झुकते हैं झुकते रहेंगें, बस विरासत में मिले नाम का कद बरकरार रखें ।।

जिनका कोई नाम नही, इतिहास नही, उनकी यहां कोई पहचान नहीं ।
इतिहास गौरवशाली लिखने को तुम, मील का पत्थर लगाना जारी रखें ।।

आने वाली पीढ़ी में हुनर खूब होगा, दिखाने का उन्हें बस अवसर मिल जाये । 
नाम बताकर अनुजों का हो जाये काम, अपने नाम में वो जान भरना जारी रखें ।।

सफर लम्बा तय करने को सुनो, रास्ते में छांव का मिलना जरूरी है ।
ठहरने को पेड़ मिल जाएं रास्ते में, इसलिए बीज बोना जारी रखें ।।