कुछ लोग
विनम्र होते हैं
इसलिए वे
सबके सामने
झुकते हैं …!
इसी विनम्रता
के कारण
वे पहुँचते हैं
ऊँचाई पर …!
फिर वे
केवल झुकते हैं
विनम्र नहीं
रहते …!
©️®️ विनम्र/अनुनाद/आनन्द/१९.०९.२०२२
कुछ लोग
विनम्र होते हैं
इसलिए वे
सबके सामने
झुकते हैं …!
इसी विनम्रता
के कारण
वे पहुँचते हैं
ऊँचाई पर …!
फिर वे
केवल झुकते हैं
विनम्र नहीं
रहते …!
©️®️ विनम्र/अनुनाद/आनन्द/१९.०९.२०२२
लोग कहते हैं
कि
पैसा चलता है…
मगर
सच तो ये है
कि
लोग चलते हैं…
पैसा लेकर !
पैसा लेकर
मस्तिष्क में,
चेहरे पर,
व्यवहार में,
और
अन्त में
जेब में।
©️®️पैसा/अनुनाद/आनन्द/०३.०७.२०२२
कुछ बेहद ही अच्छी यादें हैं जो
कभी संग मेरे बनारस में घटी हैं !
मैं अब काशी में नहीं रहता लेकिन
सुनो! पूरी काशी मुझमें रहती है।
बीएचयू कैम्पस, लिंबड़ी कॉर्नर और अस्सी
समय बीता मेरा वीटी और सेंट्रल लाइब्रेरी,
सी वी रमन, मोर्वी और लिंबड़ी ख़ूबसूरत
पर खाना ग़ज़ब जहाँ वो धनराज गिरी।
वो मशीन लैब वो ढेर सारे प्रैक्टिकल
हाई वोल्ट सर्किट के बीच मज़ाक़ के पल
पढ़ने लिखने का मज़ा था या दोस्तों के संग का
सब भूल गए पर भुला पाते नहीं वो पल!
नशा काशी का था या गोदौलिया की ठंडाई का
ठंड दिल को जो मिली वो गंगा पार की रेत का
गंगा आरती के अनुनाद से जो उपजा मुझमें आनन्द
कृपा भोले बाबा की तो आशीर्वाद संकट मोचन का।
कुछ बेहद ही अच्छी यादें हैं जो
कभी संग मेरे बनारस में घटी हैं !
मैं अब काशी में नहीं रहता लेकिन
सुनो! पूरी काशी मुझमें रहती है।
©️®️काशी/अनुनाद/आनन्द/०३.०७.२०२२