Thursday 26 December 2019

मर्ज-ए-इश्क़!

साँसों का तेज होना भी एक कहानी है,
और तुम समझे कि ये प्रदूषण की निशानी है।

गर्म और ठंडी साँसे प्यार को नापने की S.I. परिभाषा है,
और तुम नासमझ समझ बैठे कि ये बुखार बेतहाशा है।

इन धड़कनों के बढ़ने से न समझो कि कोई बीमारी है,
ये लाल गाल क्या बताएं उनकी उंगलियों की निशानी है।

कोशिशें बेहद जारी है कि उनसे कुछ बात बढ़ जाए,
इस टेंशन में भले ही इस दिल का रक्तचाप बढ़ जाए।

कमजोरी नही है कि जब गला सूखे और टांगे कापती है,
ये हमेशा का है जब बला सी खूबसूरत वो सामने आती हैं।

बेचैनी में ऐसे बड़बड़ाते हैं जैसे मनोरोगी हो गए हैं,
क्या बतायें उनसे मुलाकात को न जाने कितने दिन हो गए हैं।

कोई मर्ज नही फिर भी मरीजों से हो गए हैं,
वो ही मर्ज, वो ही दवा और वो ही मेडिकल स्टोर हो गए हैं।

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