सुनो न !
ये सूनसान सड़क देख रहे हो!
इस सन्नाटे को सुनो जरा,
मैं बिल्कुल ऐसा ही होता हूँ,
जब तुम पास होते हो !
बिल्कुल शांत, बेहद शांत।
इस स्याह रात में मैं,
इस मद्धम सी रोशनी में भीगता,
तुमको महसूस करता!
रुई सी छुवन को तुम्हारे,
अपनी सिहरन में कैद करता।
कितनी मुफ़ीद जगह है न ये,
हमारे मिलने के लिए!
आ जाओ टहलते हैं दोनों,
बिना कुछ बोले,
लेकर हाथों में हाथ।
दिल में उठते ख्यालों को,
हम उँगलियों से महसूस करते।
दिल की धड़कनों की कहानी,
हम चहल-कदमियोँ से बयाँ करते।
हम दोनों मुस्करा देते!
देखो आए तो हो तुम,
मगर जाने की बात न करना।
इस खूबसूरत माहौल में तुम
आज गले से लगा कर ही रखना।
समय को रोक लिया है मैने!
देखो न!
तुम भी,
ठहर जाओ न!
सुनो न.....!
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