Thursday 11 June 2020

पागलपन

तेरे उसके पास रहने से न जाने उसे क्यूँ डर सा लगता था
उसके अंदर का एक शख़्श बड़ा कमजोर महसूस करता था।

लग गयी थी आदत तेरी वो तुझे रोज दोहराता था,
कमबख़्त कुछ भी हो वो तेरा इन्तज़ार करता था ।

तेरे साथ न होने का उसको बड़ा मलाल रहता था,
खुद से परेशान होकर वो हज़ारों सवाल करता था ।

अच्छा हुआ जो तू चला गया, बिन बताए, हमेशा के लिए,
अब पता चला उसके अंदर एक शख़्श बेहद मजबूत रहता है।

इत्तफ़ाक से आज ख्वाब में तुम थे और नींद खुल गई उसकी,
पागल मिलने की ख़ातिर वो सोने की कोशिश बार-२ करता है।

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