दारू की टेबल पर
जब कोई
तेरी मोहब्बत में
पूरी तरह हारकर
तुझे गालियाँ देता है,
बुरा-भला कहता है...
तो मैं बस सुनता हूँ
कुछ भी नहीं बोलता
और चुपचाप
अपने मन में
कुछ सोचकर
सर झुकाकर
हल्के से
मुस्कुरा देता हूँ....
शायद तुम्हें
मुझसे बेहतर
कोई समझ ही
नहीं पाया....!
और ये तुम्हारी
बदनसीबी है कि
तुम मुझे
नहीं समझ पाए.....!
और इस तरह
हमारी कहानी
अधूरी रह गई.......
©️®️अधूरी कहानी/अनुनाद/आनन्द कनौजिया/१०.०७.२०२१
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