Saturday, 27 February 2021

नारी शक्ति...

नारी तुम गंगा हो 
देती संसार को जीवन हो
बनी रहे गति जीवन की
तुम वो बहता प्राण हो....
नारी तुम माँ गंगा हो!

नारी तुम चण्डी हो
हाहाकार मचाती प्रलय हो
जब पाप बढ़े धरा पर 
लेती रूप विकट हो...
नारी तुम माँ चण्डी हो!

नारी तुम कोमल हो
मृदुल, मधुर, मनभावन हो
सख्त सूखे जीवन में
वर्षा की फुहार हो....
नारी तुम मन मोहक हो!

नारी तुम साथी हो
चलने में जिसके साथ
पथ लगता आसान
सहज हो जाता सफर.....
नारी तुम मेरा हमसफर हो!

नारी तेरे रूप अनेक
मैंने महसूस किये हर एक
माँ, पत्नी, बहन, बेटी, और दोस्त
जिनसे मेरी दुनिया का रंग चोखा हो....
नारी तुम रंग अनोखा हो!

तुझे न पहचानने की
पुरुष करता आया भूल
तुझे कुचलता समझकर दुर्बल
मद में रहता अपनी चूर
नासमझ पुरुष अभागा है...
नारी क्षमा करना, याचना मेरी है!

तू है ऊर्जा तू है शक्ति
देख जिसे उमड़ती भक्ति
बखान करूँ शब्दों से मैं
मुझमें इतनी कहाँ है शक्ति....
नारी तू शक्ति है!

नारी तू इस जग की शक्ति है...
उमड़ती तुझ पर मेरी भक्ति है
नारी तू शक्ति है।

©️®️अनुनाद/आनन्द कनौजिया/२७.०२.२०२१

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