Thursday 2 May 2019

तू अगर इज़ाज़त दे!

एक गुस्ताखी सरे आम कर दूँ,
भरी महफ़िल तेरा नाम ले लूँ।

सिफ़ारिश पर ये उँगली मैं तेरी ओर कर दूँ,
तेरे चेहरे के नूर से मैं शमा ये रोशन कर लूँ।

नाम के संग तेरे मैं अपना नाम जोड़ दूँ,
चाहने वालों से तेरे मैं पंगा मोल ले लूँ।

लोगों के ज़ुबान पर ये चर्चा आम कर दूँ,
तेरी मेरी यह कहानी मैं अपने नाम कर लूँ।

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