मन में न कोई बीमारी रख
सब से बात चीत जारी रख ।
कोई इतना भी बुरा नही इस जहां में,
तू बुराई में अच्छाई की खोज जारी रख।
जिंदगी के हर मोड़ पर मिलेंगे नए लोग,
तू गैरों में अपनों की पहचान जारी रख।
दीवाने हो जाये लोग तेरे,
बातों में अपने गज़ब की मस्ती रख।
दौलत बेहिसाब जमाने में,
तू अपनी जेब खाली तो रख।
कुछ जाएगा तभी कुछ आएगा,
तू इस लेन देन की कला में संतुलन रख।
खिंचते चलें आएंगे लोग तेरे पास,
इतना खुद में आकर्षण रख।
सब कुछ संभव है तुझसे,
तू अपने किरदार में ईमानदारी रख।
बड़ी मुश्किल से मिलती है ये जिंदगी,
बरक़रार तू इस जिंदगी से यारी रख।
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