Its all about a part of me...... The real and unknown one : Anand Kanaujiya
खुद से ईमानदार बहुत थे,आदतन जिम्मेदार बहुत थे, बेईमानी का तो सवाल ही न था, तुम रुके होते तब तो कुछ कहते। तुमने आवाज न दी और न किया इंतज़ार और सफर में आगे चल दिये, दिल को मनाया और रास्ते बदल दिए हमने, बेगैरत तेरा इंतज़ार क्या करते।
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