Saturday 20 July 2019

बातें..(कही-अनकही!)

जुबाँ से कैसे बयाँ करें हम इशारों की बातें !
बहुत कम में बहुत कुछ कहना है जो मुझे .........

बहुत कुछ हमने कहा दिया तुमको!
काश तुम न कहा हुआ भी समझ पाते........

हमारी हरकतों ने बयाँ कर दी थी कहानी पूरी!
काश तुम मेरे दिल की बेचैनियां समझ पाते........

दौर था, निकल गया और अब न वापस आएगा!
काश! उस दौर की तुम कीमत समझ पाते........

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