Its all about a part of me...... The real and unknown one : Anand Kanaujiya
अब तो सुबह होती है केवल और केवल घबराहट में, टूटता बदन, निराश मन, इच्छा नही कही जाने की। क्या बताएं बरखुरदार समस्या ज्यादा कुछ भी नही, एक शाम और कुछ अदद छुट्टियां मिली नही हैं जमाने से।
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