चेहरों के इस संसार में बस एक चेहरा ढूढ़ता हूँ,
चेहरे पर न हो कोई और चेहरा, वो चेहरा ढूंढता हूँ।
चेहरों के इस बाज़ार में चेहरे सभी रंग बिरंगे हैं,
रंग बिरंगे इन चेहरों में मैं एक रंग पक्का ढूढ़ता हूँ।
तासीर मेरी पानी सी मैं रूप बड़ा बेजोड़ रखता हूँ,
ढल जाता हर रूप में, मैं रुख लचीला बहुत रखता हूँ।
वो कहते हैं कि आनन्द तू चेहरे पर मुस्कान बहुत रखता है,
क्या बताऊँ कि मैं दर्द को दवा में बदलने का हुनर खूब रखता हूँ।
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