Wednesday 3 July 2019

पढ़ाई और मौज ...

लोग कहते कि अच्छे से पढ़ लो
फिर मौज ही मौज है......!
पर कोई हमसे तो पूछे कि केवल
पढ़ने के दौरान ही मौज है ।
वो देखो कितना पढ़ता है अभी त्याग कर रहा है
आगे ख़ूब मौज करेगा .....!
मगर अनुभव ने ये सिखाया कि सारा त्याग तो अभी है
मौज तो पढ़ने के दौरान ही थी ।
अभी पढ़ लोगे तो कुछ बन जाओगे
दुनिया घूमोगे मौज करोगे .....!
लो बन गए कुछ और घूम ली दुनिया लेकिन
मज़ा तो ख़ाली जेबों और दोस्तों के साथ घूमने में था।
सभी सोचे कि पढ़ाई ख़ूब होती है परीक्षा के पहले
फिर मौज करने के दिन आते हैं ....!
लेकिन सच पूछो तो परीक्षाओं के बाद तो ख़ालीपन आता है,
मौज तो परीक्षा और उसके पहले ही आती है।
न कोई त्याग न कोई कष्ट और न ही कोई संघर्ष होता है,
पढ़ाई के समय में केवल मौज होता है।
इश्क़, दिल्लगी, फ़क़ीरी, और सबसे ज़्यादा यारों का साथ होता है,
मौज में बीता वो हर इक दिन सुनहरा होता है।
हमने तो पढ़ाई के सिवा सब कुछ किया पढ़ाई के दिनों में,
क्या ख़ाक कोई मौज पढ़ाई के बाद होती है ....!

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